أَعـوذُ بِاللهِ مِنَ الشَّيْـطانِ الرَّجيـم
بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
हिक़ायत 23
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दीवाना ऊंट |
दीवाना ऊंट
बनी नज्जार के एक बाग में एक दीवाना ऊंट घुस आया। जो शख्स भी उस बाग में जाता वह ऊंट उसे काटने दौड़ता था। लोग बड़े परेशान थे। हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की ख़िदमत में हाज़िर हुए और सारा किस्सा अर्ज़ किया। । हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : चलो! मैं चलता हूं चुनांचे उस बाग में तशरीफ़ ले गये और उस ऊंट से फ़रमाया : इधर आओ। उस ऊंट ने जब रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का हुक्म सुना तो दौड़ता हुआ हाज़िर हुआ। अपना सर हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के क़दमों में डाल दिया। । हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमायाःइसकी नकील लाओ नकील लाई गई। । हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने नकील डालकर उसके मालिक के हवाले कर दिया। वह आराम से चला गया। हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फिर सहाबा से फ़रमाया काफिरों के सिवा मुझे ज़मीन व आसमान वाले सब जानते हैं कि मैं अल्लाह का रसूल हूं।
(हुज्जतुल्लाह अलल-आलमीन सफा 458)
सबक: हमारे हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का हुक्म जानवरों पर भी जारी है और काइनात की हर शय बजुज़ काफिरों के हमारे हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की रिसालत व सदक़ात को जानती है।
(सच्ची हिक़ायत,हिन्दी पेज 37,38)
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