ख़्वाब का दूध

 

أَعـوذُ بِاللهِ مِنَ الشَّيْـطانِ الرَّجيـم

           

   بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ  
  
दूसरा बाब


हिक़ायत 45

Sachchi Hikayat Hindi


हज़रत शैख़ अबू अब्दुल्लाह फ़रमाते हैं कि एक मर्तबा हम मदीना मुनव्वरा हाज़िर हुए तो मस्जिद नब्वी में मेहराब के पास एक बुज़ुर्ग आदमी को सोए हुए देखा। थोड़ी देर में वह जागे जागते ही रोज़ाए अनवर के पास जाकर हुज़ूर अनवर सल्लल्लाहु  तआला अलैही वसल्लम पर सलाम अर्ज़ किया और फिर मुस्कुराते हुए लौटे एक खादिम ने उनसे इस मुस्कुराहट की वजह पूछी । तो बोले मैं सख्त भूखा था इसी आलम में मैंने रोज़ाए अनवर पर हाज़िर होकर भूख की शिकायत की। तो ख्वाब में मैंने हुज़ूर सल्लल्लाहु  तआला अलैही वसल्लम को देखा आपने मुझे एक प्याला दूध अता फ़रमाया।  मैंने खूब पेट भर कर दूध पिया । फिर उस बुज़ुर्ग ने अपनी हथेली पर मुंह से थूक कर दिखाया तो हमने देखा हथेली पर वाकई दूध ही था।

(हुज्जतुल्लाह  अलल-आलमीन सफ़ा 804 

)
सबक- हुज़ूर सल्लल्लाहु  तआला अलैही वसल्लम को ख्वाब में देखने वाला हुज़ूर सल्लल्लाहु  तआला अलैही वसल्लम को ही देखता है यह भी मालूम हुआ हुज़ूर सल्लल्लाहु  तआला अलैही वसल्लम आज भी वैसे ही ज़िन्दा हैं जैसे पहले थे।

(सच्ची हिकायत, हिन्दी पेज 53 54 )
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