أَعـوذُ بِاللهِ مِنَ الشَّيْـطانِ الرَّجيـم
بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
दूसरा बाब
हिक़ायत 25
गुमशुदा ऊंटनी
जंगे तबूक में हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की ऊंटनी गुम हो गई तो एक मुनाफिक ने मुसलमानों से कहा कि तुम्हारा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तो नबी होने का मुद्दई है और तुम्हें आसमान की बातें सुनाता फिर इसे अपनी ऊंटनी का पता क्यों नहीं चलता कि वह कहां है? हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने जब मुनाफिक की यह बात सुनी तो फ़रमाया : बेशक मैं नबी हूं और मेरा इल्म अल्लाह ही का अता फरमूदा है। लो सुनो! मेरी ऊंटनी फलां जगह खड़ी है। एक दरख़्त ने उसकी नकील को रोक रखा है। जाओ, वहां जाओ। वहां से उस ऊंटनी को ले आओ। चुनांचे सहाबा किराम गये तो वाकई ऊंटनी उसी जगह खड़ी थी और उसकी नकील एक दरख्त से अटकी हुई थी।
(जादुल-मआद जिल्द 3, सफा 3)
*सबकः* हमारे हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को अल्लाह तआला ने इस कदर इल्मे गैब अता फरमाया है कि कोई बात आपसे छुपी हुई नहीं। मगर मुनाफ़िक इस इल्मे गैब के मोतरिफ नहीं।
(सच्ची हिक़ायत,हिन्दी पेज 39)
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